पहलगाम आतंकी हमले मे 26 भारतीय नागरिको कि जान चली गई, हमले के बाद ऑपरेशन सिन्दूर लांच किया गया, जिसमे भारतीय सेना द्वारा 9 आतंकी ठिकानो पर हमला किया गया ओर भारतीय सेना ने 100 से अधिक आतंकियों को मारने का दावा किया, हमले के बाद पाकिस्तान बोखला गया और अंधाधुन्द फायरिंग और गोलीबारी कि गई , ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया और इस सबके परिणामस्वरूप कुल 35 लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी, जिसमे 5 आर्मी और 2 BSF और 28 आम, नागरिको कि जान चली गई. यानि पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिन्दूर तक कुल 61 लोगो ने अपनी जान गवा दी और लगभग इतने ही लोग घायल हो गए जो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है

इन सब के बीच भारतीयों मे अलग लेवल का जोश था लेकिन फिर अचानक कमजोर भारतीय नेतृत्व के कारण एक तीसरे देश अमेरिका कि एंट्री होती है और इस ऑपरेशन को बीच मे ही रोक दिया जाता है बिना ये गारंटी लिए कि पाकिस्तान भारत मे फिर आतंकवादी हमले नहीं करेगा, एक तरफ से देखा जाए तो दोनों देशो ने न्यूट्रल स्टेट पर इस जंग को रोक दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि अब आतंक फैलाने वाला पाकिस्तान अपनी जीत का ढिंढोरा पूरी दुनिया मे पीट रहा है और यहाँ तक की उसने तो इसे नेशनल फेस्टिवल तक घोषित कर दिया, और भारत ने पाकिस्तान को बैकफुट पर लाए बिना सिर्फ यह कहकर जंग को रोक दिया कि उसने अपने टारगेट को पूरा कर लिया, भारत का टारगेट केवल आतंकी साइट को ख़तम करना था जबकि पाकिस्तानी मीडिया और वहा के नेता और आर्मी मारे गए आतंकियों को आम नागरिक ही मानती है. जो भारत मे आतंकी माने जाते है पाकिस्तानी सरकार और आर्मी उनको देशभक्त मानती है और इसका प्रूफ इन लोगो ने दे भी दिया है और यहाँ तक की पाकिस्तान कि सरकार यह भी बोल रही है कि भारत के हमले से जितना भी नुकसान हुआ है वो सब वहां कि सरकार फिर से ठीक करवा देगी।, यानि जो हमले मे आतंकी बिल्डिंग ख़तम हुई थी वो उसे फिर से बना देगी
तो फिर सवाल आता है कि यह कोई मजाक चल रहा है इतने लोग मर चुके उनका क्या , क्योकि जब तक पाकिस्तान बैक फुट पर नहीं आता और अपने घुटने नहीं टेक लेता तब तक आतंकवाद ख़तम नहीं हो सकता और ऑपरेशन चलते रहेंगे लोग मरते रहेंगे और इनका अपडेटेड वर्जन आता रहेगा और फायदा उठाने वाले फायदा उठाते रहेंगे क्योकि सेना और आम लोगो के लिए ऐज लिमिट होती है राजनीती मे कोई ऐज लिमिट नहीं होती